पिछले सैंतीस वर्षों से इंडियन एक्सिम बैंक सामान और सेवाओं के भारतीय आयातकों और निर्यातकों को वित्तीय सहायता दे रहा है| एक्सिम बैंक का एक मुख्य उद्येश्य है कि वह निर्यात का समर्थन करे और उसे बढ़ावा दे| इसका अधिकांश काम डेवलपमेंट पार्टनरशिप एडमिनिस्ट्रेशन (डी पी ए) और विदेशी मामलों के मंत्रालय (एम ई ए) के जरिए होता है जिसे 2012 में गठित किया गया| बैंक अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने में और अपने उत्पादों तथा निवेश के दायरे को बढ़ाने में सफल रहा है| पर यह समझा जाना चाहिए कि वित्तीय और सामाजिक-पर्यावरणीय दृष्टि से बैंक कितना जिम्मेदार रहा है?
इस अध्ययन के दो उद्येश्य हैं—-
पहला तो यह है कि बैंक द्वारा दिए जाने वाले लाइन ऑफ़ क्रेडिट (एल ओ सी) का अध्ययन करना| हालाँकि बैंक कई तरह की वित्तीय सेवाएं देता है, यह रिपोर्ट सिर्फ एक ही तरह की वित्तीय सेवा के अध्ययन तक खुद को सीमित रखेगी, और वह है एल ओ सी| रिपोर्ट का प्रयास है यह समझना कि वित्तीय और सामाजिक-पर्यावरणीय जिम्मेदारी दिखाने के मामले में इंडियन एक्सिम बैंक ने कहाँ तक की दूरी तय की है|
यह अध्ययन दो प्रश्न उठता है:
अ) ऋण लेने वालों को ऋण देने से पहले क्या बैंक जोखिम का विस्तृत आकलन करता है? यह सवाल जरुरी है क्योंकि बाकी भा रतीय बैंकों की तरह इंडियन एक्सिम बैंक भी नॉन परफार्मिंग एसेट्स (एन पी ए ) की समस्या से जूझ रहा है|1 31 मार्च, 2019 तक बैंक का सकल एन पी ए 116. 78 अरब था जो कि उस तारीख तक उसके कुल ऋण और अग्रिम उधार का 11.34 फीसदी था|1 उद्योग के 9.1 फीसदी के औसत से यह अधिक है| 2
ब) क्या बैंक किसी तरह के सामाजिक और पर्यावरणीय नियम लागू करता है जिसका कर्ज लेने वाले पालन करें और यह सुनिश्चित करें कि धन का उपयोग जनता और पर्यावरण के कल्याण के लिए किया जाएगा, उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगा? रिपोर्ट का दूसरा मकसद है कि वह जनता को इंडियन एक्सिम बैंक की गतिविधियों के प्रति सजग करे| साथ ही अपने निवेश के लिए बैंक को उत्तरदायी ठहराए क्योंकि आखिरकार जिस धन का बैंक निवेश कर रहा है वह है तो जनता का ही|
यह रिपोर्ट इंडियन एक्सिम बैंक द्वारा दिए गए कार्यशील एल ओ सी के संबंध में है और इसे पांच हिस्सों में बांटा गया है| पहला भाग है एक्सिम बैंक के बारे में| दूसरा भाग एल ओ सी का विश्लेषण करता है और तीसरे में केस स्टडीज हैं|
चौथे भाग में निष्कर्ष हैं और आखिरी भाग आगे का मार्ग सुझाने की कोशिश कर रहा है|