पूरी दुनिया खाद्य संकट से जूझ रही है। अगले साल खाद्य उत्पादन में और भी कमी आने की आशंका है। यानि की खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ जाएंगी। मुक्त व्यापार पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संधियों ने बहुत पहले ही इस आपदा की तैयारी कर दी थी। अब बस दुनिया इन समझोतों की कीमत चुका रही है।
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