हमारा पैसा हमारा हिसाब
मुद्रास्फीति को 6% की सीमा तोड़े 9 महीने से अधिक समय गुजर चुका है। कानून के अनुसार, आरबीआई को महंगाई को नियंत्रित न कर पाने पर अपनी विफलता पर सरकार को जवाब देना चाहिए। लेकिन कोई नहीं चाहता की लोगों को इसके कारण पता लगें। कई अनुमानों के हिसाब से महंगाई कोविड महामारी से पहले ही शुरू हो गयी थी। क्या लोगों की परवाह छोड़ आर्थिक विकास के पीछे भागने से ये स्तिथि बनी?
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