कड़े परिश्रमों से लांच किया गया स्मार्ट सिटी का मिशन फ्लॉप साबित हुआ है। 2 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट 7 साल बाद भी पूरा होने से कोसों दूर दिख रहा है! स्मार्ट सिटी का मिशन था आने वाले पांच सालों में सौ शहरों में एक लाख करोड़ रुपये निवेश करना। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि ये सौ शहर देश और दुनियां के लिए एक मॉडल बनेंगे। इनमें सार्वजनिक परिवहन, आईटी कनेक्टिविटी, पानी और बिजली आपूर्ति, सफाई, कचड़ा प्रबंधन, सहज शहरी आवाजाही, ई गवर्नेंस जैसी उच्च स्तरीय सुविधाएँ होंगी।
सेंटर फॉर फाइनेंशियल एकाउंटेबिलिटी ने एक विस्तृत अध्ययन किया और ये रिपोर्ट निकाली। हमें पता चला कि पूरा मिशन ही ठप्प निकला। अब तक सिर्फ 32% प्रोजेक्ट ही पूरे हुए हैं। और दो लाख करोड़ में से 66 हजार करोड़ पैसा खर्च हो चुका है। केंद्र सरकार जिसने 48 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही थी, अब तक केवल 28 हजार करोड़ ही खर्च कर पायी हैं। राज्यों की स्थिति भी उतनी ही खराब है।अब तक सिर्फ 5 शहरों ने 80% परियोजनाओं को पूरा किया है।
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