It’s been three and a half years since COVID-19 was first reported in the country. The country and its people witnessed a lack of preparation by the authorities resulting in a dearth of necessary...
We witnessed an infantile jubilance on the part of the government since last year about a “record recovery” from the pandemic. Finance Ministry’s report claimed that armed with necessary macro and micro growth drivers, India...
A Critical Report on Indian Overseas Bank Today our country is in an economic crisis, mainly due to the COVID-19 pandemic. There is massive unemployment. Rural infrastructure is not improving, and the Central Government...
The pandemic wreaked havoc on Pappu Singh and Sheela Devi’s family, residents of Nagla Vidhichand village situated on the Agra-Gwalior highway in the southern part of Agra district. While none of their family members...
Prasanna Mohanty’s 'An Unkept Promise: What Derailed the Indian Economy' looks at the economic landscape of India since Modi took over in 2014 and explains what went wrong based on data and hard evidence.
कोविड-19 के बाद से उद्योगों को आर्थिक संकट झेलना पड़ा है। इन दो सालों में कई फैक्ट्रियों के बंद हो जाने से अनगिनत लोगों का रोजगार छिन गया। वहीं अनेक लघु उद्योग बंद होने...
In India, nearly 40% girls remain out of school in the age-group of 15-18 years. The COVID-19 pandemic has only heightened the existing patterns of gender discrimination; disproportionately impacting girls more than boys.
It was a cold December evening when I met Kavita Yadaw of village Mardapoti (Nagri block, Dhamtari district, Chhattisgarh). Kavita struggled with her mask. She adjusted and readjusted it. She remembered that the pandemic...
बुन्देलखण्ड भारत या किसी राज्य का टुकड़ा नहीं है, यह संस्कृति है और यह सभ्यता भी है। ऐसा नहीं है कि कोई इस बात को जानता नहीं है। जानते तो हैं, पर मानने में...
पलायन वास्तव में घातक नहीं है, पर इसे घातक बना दिया गया है। आप कल्पना करके देखिए कि मानव सभ्यता में से पलायन को हटा दिया जाए, फिर इसके बाद की दुनिया के बारे...
लेख के शीर्षक में प्रयोग किए गए दो शब्द कोविड और बुन्देलखण्ड जैसे ही हमारे कानों को सुनाई देते हैं। वैसे ही हमारे कान चौकन्ने हो जाते हैं। दोनों शब्दों के सुनते ही मन-चिन्तन...
हमारे देश में बिजली पैदा करने का प्रमुख संसाधन कोयला है, पर धरती की छाती चीरकर उसे निकालने वाले मजदूरों की बदहाली जहां-की-तहां है। पिछले साल कोविड-19 के कारण देश भर में लगे ‘लॉकडाउन’...
ലോക ബാങ്ക് ഗ്രൂപ്പ് പോലെയുള്ള ബഹുകക്ഷി വികസന ബാങ്കുകളാണ് (എം.ഡി.ബി.കള്) മുന് ദശകങ്ങളില് ആഗോളപരമായി വികസനത്തിന്റെ ഭാഷയും ദിശയും എങ്ങനെ രൂപപ്പെട്ടുവെന്ന് പ്രധാനമായും നിര്വചിച്ചിരുന്നത്. ഇന്ത്യയിലും, അനുഭവം വ്യത്യസ്തമല്ല.
देश और दुनिया कोरोनावायरस महामारी के इस सकंट को फैलने से बचाने मे लगे है। लाखों मजदूर भुखे और प्यासे पैदल आपने गाँवों की और लौट रहे है। यह कहना भी असंगत नहीं होगा...