वर्तमान आर्थिक गैर-बराबरी का मकड़जाल

देश आजादी के बाद समाजवादी आर्थिक - सामाजिक व्यवस्था की स्थापना के लिए संकल्प लिया था। इस संकल्प को पूरा करने संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर ने इसे संविधान के प्रस्तावना में स्थान दिया।