केंद्र सरकार ने केरल की उधार लेने की क्षमता पर अनुचित प्रतिबंध लगाकर एक ही झटके में उससे लगभग 15000 करोड़ छीन लिए है। इस कारण निकट भविष्य में केरल गंभीर वित्तीय संकट में पड़ सकता है, जिससे इसकी कई गतिविधियाँ खतरे में पड़ सकती हैं। मजे की बात यह है कि केंद्र सरकार जिस ऑफ-बजट उधारी को इसका कारण बताती है, उसका वो खुद ही पालन नहीं करती है। इस बीच, सब्सिडी देने को लेकर नव-उदारवादी अर्थशास्त्रियों की ‘चिंताओं’ के बीच विपक्ष शासित एक और राज्य, राजस्थान आगे बढ़ रहा है।
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