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आम चुनाव में सभी उम्मीदवारों से मप्र के जन आंदोलनों की मांगे और संकल्प

मध्यप्रदेश जन संघर्ष समन्वय समिती

4-5, आप्रैल 2019, युथ होस्टल, जबलपुर

आगामी आम चुनाव के संदर्भ में, 4-5 अप्रैल 2019 को जबलपुर में “एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया“ – ऊर्जा और अवसंरचना विकास पर महंगी  बिजली अभियान और जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय द्वारा दो दिवसीय परामर्श आयोजित किया गया था। पुरे मध्यप्रदेश के 30 से अधिक जमीनी स्तर संगठन से 55 से अधिक लोग जो अपने क्षेत्रों में बडी ऊर्जा और बुनियादी ढांचा निर्माण परियोजनाओं के खिलाफ लड़ रहे हैं, उन्होने इस परामर्श में भाग लिया। इन दो दिनो में विभिन्न संघर्षो संगठनों के प्रतिनिधीयों के साथ परामर्श प्रक्रिया में ऊर्जा और जल क्षेत्र की विकास परियोजनाओं और उनके वित्तपोषण तंत्र से संबंधित विशिष्ट मांगों के साथ समाप्त हुई। इसी दौरान एक राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया, जिसका औपचारिक नाम-मध्यप्रदेश जन-संघर्ष समिति दिया गया है। यह एक बृहद् मंच है, जो जमीनी स्तर के समूहों और संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है, जो मध्य प्रदेश में ऊर्जा और पानी क्षेत्र की बडीं बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सवाल उठाते, आलोचना करते और विरोध करते हैं।

लोकतांत्रिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में राज्य स्तरीय समन्वय समिति ने इन समूहों ने ही मांगों का प्रस्ताव रखा और उसको तैयार किया, जो सभी जनप्रतिनिधियों के सामने रखा जाएगा। समूहों ने इन मांगों को राज्य में ग्राम सभा में प्रस्तुत करने की सहमति की और जब अगले ग्राम सभा 14 अप्रैल 2019 को बुलाई जायेगी इस प्रस्ताव को ग्रामसभा के माध्यम से इसे पारित करेगे। इसके बाद, सभी 30 समूह आम चुनाव के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों से इस प्रस्ताव को स्वीकार करने और औपचारिक रूप से सहमत होने के लिये कहेगे ताकि स्थानीय समुदाय के सदस्यों का समर्थन और प्रोत्साहन सुनिश्चित हो सके। समिति मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रियों से भी निकट भविष्य में प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। इस संबंध में समिती भोपाल और राज्य के अन्य क्षेत्रों में ब्रीफिंग और बैठकें भी आयोजित करेगी।

जनप्रतिनिधियों से संकल्प और मांगें:

  1. जिन पावर परियोजनाओ के लिये भूमि अधिग्रहण किया गया है और अभी तक परियोजनाओे पर कार्य शुरू नहीं हुआ है वो जमीने काश्तकारों को वापस की जाये।
  2. जिन परियोजनाओ को पावर पर्चेस एग्रीमेन्ट (PPA) कोल लिकंजेस (Coal Linkage) वित्तीय अनुबंध (Financial Closure) और पानी अनुबध (Water Linkage) नही हंआ है उन परियोजनाओ तत्काल रद्द किया जाये।
  3. मध्यप्रदेश मे मांग से दुगनी बिजली की स्थापित क्षमता हैं। अतः अब कोई भी कोयला आधारित, जलविधुत और परमाणु परियोजनाओं की मंजुरी नही दी जाये।
  4. नर्मदा नदी में घटते जल प्रवाह को देखते हुए, सभी बड़ी निर्माण परियोजनाओं को नर्मदा बेसिन में तुरंत रोका जाना चाहिए। नर्मदा और उसकी सहायक नदियों के कैचमेंट क्षेत्रों को प्रदूषण और रेत खनन से बचाया जाना चाहिए, इन नदियों में वार्षिक जल प्रवाह बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास।
  5. जल संसाधनों का संरक्षण, राज्य भर में उनके बचाव और पुनर्वास के लिए तत्परता के साथ प्रचार किया जाना चाहिए। उन क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए जहां पानी की समस्या पानी की आपूर्ति बिजली/औद्योगिक परियोजनाओं के कारण प्रदूषण, अतिक्रमण की समस्या आ रही है। राज्य में पानी का बुनियादी अधिकार सुनिश्चित किया जाना चाहिए, विशेष रूप से पीने व सिंचाई के पानी को सभी के लिए सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  6. पेयजल और सिंचाई के लिए जल सेवाओं के निजीकरण को सुधारों के नाम पर रोका जाना चाहिए और सार्वजनिक एजेंसियों को वापस लौटाने के लिए निजीकृत जल सेवाओं को बंद करना चाहिए।
  7. मध्यप्रदेश पचांयती राज एवं ग्राम स्वराज कानून 1993 एवं 2001 के तहत गाँव मे मघ्यप्रदेश शासन की भूमि ग्रामसभा की सार्वजनिक सम्पति दर्ज की जाये।
  8. विभिन्न परियोजनाओ से विस्थापित परिवारां का पूर्नवास किया जाये तथा आगामी विस्थापन पर रोक लगाई जाये।
  9. परियोजनाओ का विरोध कर रहे लोगो पर जो फर्जी मुकदमे किये गये है उन्हे तत्काल वापस लिया जाये।
  10. निर्मीत परियोजनाये को जिन पर्यावरणीय शर्तो के आधीन शासन द्धारा मंजूरी दी गई है उन शर्तो का परिपालन करना सुनिश्चित किया जाये।
  11. नए भू-अर्जन कानून में 4 गुना मुआवज़ा देने का प्रावधान है उसके विपरीत म.प्र. में दोगुना ही मुआवज़ा प्रदान किया जाता है। कानून अनुसार चोगुना मुआबजा देना सुनिशित किया जाए।
  12. मध्यप्रदेश सरकार अन्य राज्यों को 2.60 रूपये प्रति यूनिट बिजली बेच रही है। अतः मध्यप्रदेश के उपभोक्ताओ को भी उसी दर पर बिजली उपलब्ध करवाया जाये।
  13. नई पावर परियोजनाओ की वित्तीय साहयता पर रोक लगाई जाये और जिन परियोजनाओ की गैर सम्पादित संम्पतियॉ बढ रही है उनसे पूर्णतः राशि वसूल की जाये।

समन्वय समिती के मौजूदा सदस्यः

  1. जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, मध्यप्रदेश
  2. जनसघर्ष मोर्चा, महाकौशल, मंडला- बालाघाट
  3. बीयोंड कोपहेगन, दिल्ली
  4. जनविज्ञान जत्था, दिल्ली
  5. महगी बिजली आभियान, मध्यप्रदेश
  6. भूधिकार अभियान, मध्यप्रदेश
  7. बरगी बांध विस्थापित एव प्रभावित संघ, जबलपुर
  8. सृजन लोकहित समिती, सिंगरौली
  9. रोको टोको ठोको क्रांतिकारी मोर्चा, सीधी
  10. चुटका परमाणु विरोधी सर्घष समिती, मंडला
  11. किसान सर्घष समिती, छिन्दवाड़ा
  12. भारतीय किसान यूनियन, अनुपपूर
  13. फ़ायनैन्शल अकाउंटबिलिटी नेटवर्क इन्डिया
  14. सीपीआई (एमएल) रेड स्टॉर, भोपाल
  15. स्वराज्य अभियान, जबलपुर
  16. लोक जाग्रती मंच, झाबुआ
  17. विंध्य विकास अभियान, सतना
  18. राष्टीय किसान कामगार परिषद, रीवा
  19. हमारा आधिकार आभियान, रीवा
  20. जगंल जीवन गॉव खेती बचाओ, सतना
  21. झाबुआ पावर प्लांट प्रभावित संघ, सिवनी
  22. जिन्दगी बचाओ जमीन बजाओं संगठन, नरसिंगपुर
  23. जन पहल, भोपाल
  24. नागरिक आधिकार मंच, जबलपुर
  25. असगंठित मंजदूर हक अभियान, जबलपुर
  26. बरगी बांध मतस्य उतपादन एवं विपंणन संघ, जबलपुर
  27. भारत ज्ञानविज्ञान समिती, कटनी
  28. पत्रकार नागरिक मंच, जबलपुर
  29. पोषण अभियान, पन्ना
  30. सच्चा प्रयास समिती, जबलपुर
  31. एक पोटली रेत की
  32. विराट ऑटो संघ, शहडोल
  33. संकल्प सामाजिक विकास समिती, शहडोल
  34. शिव शक्ति महादल जन सेवा समिती, शहडोल

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