कोविड की चपेट में मध्यप्रदेश की पहचान बाघ प्रिंट

कोविड-19 के बाद से उद्योगों को आर्थिक संकट झेलना पड़ा है। इन दो सालों में कई फैक्ट्रियों के बंद हो जाने से अनगिनत लोगों का रोजगार छिन गया। वहीं अनेक लघु उद्योग बंद होने...

कोरोना वायरस: ठेका श्रमिकों की बढ़ीं मुश्किलें, ऐसे कर रहे गुजारा

हमारे देश में बिजली पैदा करने का प्रमुख संसाधन कोयला है, पर धरती की छाती चीरकर उसे निकालने वाले मजदूरों की बदहाली जहां-की-तहां है। पिछले साल कोविड-19 के कारण देश भर में लगे ‘लॉकडाउन’...

अडानी पर मेहरबान शिवराज सरकार, 4 गुनी महंगी बिजली खरीदने का एमओयू कर मप्र को एक लाख करोड़ का नुक्सान पहुँचाने की तैयारी

मध्य प्रदेश सरकार ने अडानी पावर के साथ में 320 मेगावाट बिजली के पर्चेस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया है। सरकार ने इससे पहले ही 20331 मेगावाट बिजली खरीदने के पी.पी.ए. पर विभिन्न कंपनियों के...

अडानी से बिजली खरीद समझौता कर किसकी वफादारी में लगी है शिवराज सरकार

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यन्वयन मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश मे 20331 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता पहले से ही स्थापित है और उसकी मांग 9000 मेगावाट है, तो फिर मध्यप्रदेश सरकार...

बिजली क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताऐं जनता की जेब पर भारी

मध्यप्रदेश में बिजली के बढते वित्तीय घाटें जनता की जेब पर भारी पड रहे है। हाल ही मे म.प्र. पॉवर मैनेजमेन्ट कंपनी व अन्य कम्पनियों द्धारा टेरिफ बढाने हेतु एक याचिका आयोग के समक्ष...

आम चुनाव में सभी उम्मीदवारों से मप्र के जन आंदोलनों की मांगे और संकल्प

आम चुनाव में सभी उम्मीदवारों से मप्र के जन आंदोलनों की मांगे और संकल्प मध्यप्रदेश जन संघर्ष समन्वय समिती 4-5, आप्रैल 2019, युथ होस्टल, जबलपुर आगामी आम चुनाव के संदर्भ में, 4-5 अप्रैल 2019...

आजकल विकास का मतलब लूट है

भारत सरकार देश के विकास के नाम पर बड़ी ढांचागत परियोजनाओ के निमार्ण पर पिछलें कुछ दशकों से लगातार बल दे रही है। इन परियोजनाओं को भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर...

शहर-गाँव के बीच की खाई तेज़ी से बढ़ा रहा विकास का आधुनिक मॉडल

अधोसंरचना, ख़ासकर ऊर्जा के नाम पर  हमारे देश में जो हो रहा है उसे सार्वजनिक सम्पत्ति की खुल्लाम-खुल्ला लूट के अलावा क्या कहा जा सकता है? मध्यप्रदेश सरीखे राज्य में जहाँ ख़ुद सरकारी दस्तावेज़ों...

आजकल विकास का मतलब लूट है

अधोसंरचना, खासकर ऊर्जा के नाम पर हमारे देश में जो हो रहा है उसे सार्वजनिक सम्पत्ति की खुल्लम-खुल्ला लूट के अलावा क्या कहा जा सकता है? मध्यप्रदेश सरीखे राज्य में जहां खुद सरकारी दस्तावेजों...

विकास के नाम पर बढता आर्थिक और सामाजिक सकंट

भारत सरकार देश के विकास के नाम पर बड़ी ढांचागत परियोजनाओ के निमार्ण पर पिछलें कुछ दशकों से लगातार बल दे रही है। इन परियोजनाओं को भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर...