ऊर्जा और अधोसंरचना विकास के लोकतांत्रिकरण पर परिचर्चा
दिनांक 4-5 अप्रैल 2019
यूथ होस्टल, रानी ताल चौक के पास, जबलपुर
साथियों जिन्दाबाद!
मध्यप्रदेश के विधान सभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन के बाद आगामी लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहा है । कांग्रेस सरकार वचन पत्र के आधार पर अपने फैसले ले रही है । परन्तु पानी, बिजली एवं कम्पनियों के लिए अधिग्रहित भूमि को लेकर दूरगामी एवं जनोन्मुखी रणनीति बनाने की आवश्यकता है ।जिसके अनुसार राज्य सरकार के समक्ष तथ्यों के साथ व्यवस्थित तरीके से बात रखी जा सके।
मध्यप्रदेश का भौगोलिक क्षेत्रफल 307.56 लाख हैक्टेयर है, जिसमें से मात्र 146.21 लाख हैक्टेयर में बुआई होती है । बुआई की जमीन में विभिन्न स्रोतों से 64.18लाख हैक्टेयर में ही सिंचाई उपलब्ध है ।जबकि मध्यप्रदेश में औसत वर्षा 857.70 एमएम है, जिसमें से 60 प्रतिशत पानी का उपयोग नहीं होता है ।उपलब्ध सिंचाई क्षमता में 10.51þ नहरों से, 42.56þ कुंआ एवं ट्यूबवेल से तथा तालाबों व अन्य स्रोतों से 11.11þ का योगदान है ।इन आंकड़े से पता चलता है कि सिंचित क्षेत्र बढाने के सभी प्रयासों के बावजूद वृहद बांध परियोजनाओं से मात्र 10.51 लाख हैक्टेयर सिंचित होने का आंकड़ा दिखाई देता है ।पुर्व की सरकार ने दावा किया था कि 15 वर्षो में सिंचाई रकबा 20 लाख हैक्टेयर से दुगुना होकर 40 लाख हैक्टेयर हो गया है और 2022 तक इसे 80 लाख हैक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है ।परन्तु जलसंसाधन विभाग का आंकड़ा कहता है कि 2011-12 में निर्मित सिंचाई क्षमता 29.2 लाख हैक्टेयर था लेकिन वास्तविक सिंचित क्षेत्र 16.34 लाख हैक्टेयर ही था।
दूसरी ओर निजी क्षेत्र के 5 विधुत कम्पनियों से सम्पादित किये गये विधुत क्रय अनुबंध के कारण 2200 करोङ रूपये नियत प्रभार के रूप में अनावश्यक भुगतान किया जा रहा है ।जनवरी 2019 में जारी सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि पावर मेनेजमेन्ट कम्पनी ने टोरांटो पावर कम्पनी, गुजरात से महंगी बिजली ख़रीदी गई है ,जबकि एनटीपीसी की सस्ती बिजली उपलब्ध था।इसके कारण सरकार को नियत प्रभारके रूप में बिना बिजली खरीदे 27.66 करोङ का भुगतान किया गया ।जबकि मध्यप्रदेश की सरकार विधुत इकाई को बंद रखा जा रहा है ।निजी कम्पनियों को फायदा दिलाने के खेल में आम उपभोक्ता महंगी बिजली खरीदने को मजबूर है ।निजी कम्पनियों ने नये थर्मल पावर प्लांट लगाने को लेकर हजारों हैक्टेयर जमीन राज्य सरकार की मदद से अधिग्रहित कर लिया है परन्तु परियोजना कार्य शुरू नहीं हुआ है ।
इसके अलावा बिजली की अधिकतम उपलब्धता के बावजूद हकीकत यह है कि प्रदेश के 117 गांव विधुत विहीन तथा 46 लाख घरों मे बिजली नही पहुंची है। प्रदेश सरकार ने निजी कम्पनीयो के हित मे किसानो का उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण, जलाशय एवम नदियो से जल आबंटन तथा कोयला और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने हेतु आदिवासी क्षेत्र को तबाह कर रही है।
उपरोक्त सभी पर चुनाव को ध्यान मे रखते हुये बिजली और उससे जुडे सवालों पर दिनांक 4-5 अप्रेल 2019 को यूथ होस्टल, रानी ताल चौक के पास, जबलपुर में जनसवांद का आयोजन किया गया है। आपसे अनुरोध है कि इस बैठक में उपस्थित होने का कष्ट करें तथा अपने विचार को साझा करें।
राज कुमार सिन्हा/योगेश दीवान -9424 385139
राजेश कुमार/गौरव द्धिवेदी सेन्टर फार फाइनेन्शियल अकाटेविलिटी नई दिल्ली सौम्या दत्ता, पैरवी नई दिल्ली
कार्यक्रम सूची
ऊर्जा और अधोसंरचना विकास के लोकतांत्रिकरण पर परिचर्चा
दो दिवसीय बैठक जबलपुर
पहला दिन
सत्र 1- समय 10:00 अपराह्न – 12:00 बजे
मध्य प्रदेश में वर्तमान ऊर्जा पर संघर्ष और उनकी चुनौतियों को समझना
रिसोर्स पर्सनः राजकुमार, उमेश तिवारी रोको टोको ठाको अभियान, आराधना भार्गव, अवधेश भाई सिंगरौली
सत्र 2- समय 12:15 अपराह्न – 10:30 बजे
वर्तमान राज्य सरकार को ऊर्जा के मुद्दों और चुनौतियों से कैसे जोड़ा जाए और आगामी आम चुनाव में इनका उत्थान किया जाए
रिसोर्स पर्सनः सौम्या दत्ता और विजय कुमार
1.30 – 2.30 बजे – दोपहर का भोजन
सत्र 3- समय – 4ः00 बजे
ऊर्जा नीतियों में बदलाव और लोगों पर वित्तीय प्रभाव
रिसोर्स पर्सनः राजेश कुमार और राजेंद्र अग्रवाल, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन
4.00 – 4.15 बजे चाय ब्रेक
सत्र 4- समय 4.15 – 5.30 बजे
मध्य प्रदेश में विकास, विस्थापन और समुदायों की संस्कृति पर प्रभाव
रिसोर्स पर्सनः श्रुति, भोपाल
दूसरा दिन
सत्र 1- समय 9:00 – 10:00 बजे
मध्य प्रदेश में सूखती नदियाँ, तापीय शक्ति की भूमिका और समुदायों पर उनका प्रभाव
रिसोर्स पर्सन्सः योगेश दीवान और गौरव द्विवेदी
सत्र 2-09:00 बजे से -10:00 बजे
कम से कम एक समूह का गठन करें और मुद्धों की सूची तैयार कर वर्तमान सरकार के साथ ऊर्जा और वित्त पर कुछ ज्वलंत मुद्दों को लेकर मध्यप्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व करे।
रिसोर्स पर्सन्सः राजकुमार भाईए सौम्या दत्ता योगेश दीवान एवं अन्य
1.30 – 2.30 बजे – दोपहर का भोजन