भारतीय बैंकिंग क्षेत्र एक लंबे और गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। बुरे ऋण बढ़ रहे हैं और बैंक घटते मुनाफे के साथ कम-पूंजीकृत हो रहे हैं। नतीजतन, साख वृद्धि थम सी गयी है, और बढ़ती बेरोजगारी, जिससे भारत परेशान है, पुनः स्थापित हो रहा है।
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र एक लंबे और गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। बुरे ऋण बढ़ रहे हैं और बैंक घटते मुनाफे के साथ कम-पूंजीकृत हो रहे हैं। नतीजतन, साख वृद्धि थम सी गयी है, और बढ़ती बेरोजगारी, जिससे भारत परेशान है, पुनः स्थापित हो रहा है।