कैसे बैंक हमसे हमारी बचत के पैसे लूट रहे हैं?

भारतीय बैंकिंग क्षेत्र एक लंबे और गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। बुरे ऋण बढ़ रहे हैं और बैंक घटते मुनाफे के साथ कम-पूंजीकृत हो रहे हैं। नतीजतन, साख वृद्धि थम सी...

बैंकों ने लोगों की सेवा करने के बजाए उनका शोषण करना शुरू कर दिया है

बैंक लोक कल्याण से भटक कर व्यावसायिक कल्याण के मार्ग पर चले गए हैं, उन्होंने लोगों की सेवा करने के बजाए उनका शोषण करना शुरू कर दिया है, वे कॉर्पोरेट को दिये ऋणों से...