कोविड की चपेट में मध्यप्रदेश की पहचान बाघ प्रिंट

कोविड-19 के बाद से उद्योगों को आर्थिक संकट झेलना पड़ा है। इन दो सालों में कई फैक्ट्रियों के बंद हो जाने से अनगिनत लोगों का रोजगार छिन गया। वहीं अनेक लघु उद्योग बंद होने...

बुन्देलखण्ड का पलायन, बुन्देलखण्ड को ख़त्म न कर दे

बुन्देलखण्ड भारत या किसी राज्य का टुकड़ा नहीं है, यह संस्कृति है और यह सभ्यता भी है। ऐसा नहीं है कि कोई इस बात को जानता नहीं है। जानते तो हैं, पर मानने में...

कोविड के पहले और बाद में बुन्देलखण्ड का पलायन

पलायन वास्तव में घातक नहीं है, पर इसे घातक बना दिया गया है। आप कल्पना करके देखिए कि मानव सभ्यता में से पलायन को हटा दिया जाए, फिर इसके बाद की दुनिया के बारे...

कोविड महामारी और बुन्देलखण्ड का पलायन

लेख के शीर्षक में प्रयोग किए गए दो शब्द कोविड और बुन्देलखण्ड जैसे ही हमारे कानों को सुनाई देते हैं। वैसे ही हमारे कान चौकन्ने हो जाते हैं। दोनों शब्दों के सुनते ही मन-चिन्तन...

कोरोना वायरस: ठेका श्रमिकों की बढ़ीं मुश्किलें, ऐसे कर रहे गुजारा

हमारे देश में बिजली पैदा करने का प्रमुख संसाधन कोयला है, पर धरती की छाती चीरकर उसे निकालने वाले मजदूरों की बदहाली जहां-की-तहां है। पिछले साल कोविड-19 के कारण देश भर में लगे ‘लॉकडाउन’...

മഹാമാരി – കടന്നുകയറ്റത്തിനുള്ള മറ

ലോക ബാങ്ക് ഗ്രൂപ്പ് പോലെയുള്ള ബഹുകക്ഷി വികസന ബാങ്കുകളാണ് (എം.ഡി.ബി.കള്‍) മുന്‍ ദശകങ്ങളില്‍ ആഗോളപരമായി വികസനത്തിന്‍റെ ഭാഷയും ദിശയും എങ്ങനെ രൂപപ്പെട്ടുവെന്ന് പ്രധാനമായും നിര്‍വചിച്ചിരുന്നത്. ഇന്ത്യയിലും, അനുഭവം വ്യത്യസ്തമല്ല.

सस्ती सरकारी बिजली होने के बावजूद महंगी निजी बिजली खरीद रही सरकार

देश और दुनिया कोरोनावायरस महामारी के इस सकंट को फैलने से बचाने मे लगे है। लाखों मजदूर भुखे और प्यासे पैदल आपने गाँवों की और लौट रहे है। यह कहना भी असंगत नहीं होगा...